देर रात बर्फ ने चुपचाप उतर कर जमा लिया अपना मोर्चा
सुबह सुबह घरों के बाहर, लोगों के लिए खुल गए नए नए मोर्चे
सुबह सुबह घरों के बाहर, लोगों के लिए खुल गए नए नए मोर्चे
बर्फ के बावजूद, बनाये रखा झाड़ियों ने अपना अस्तित्व, दिखाया अपना रंग
नयी कला के प्रतिमान बन गए, मिल जुल कर एक दुसरे अपने विरोधी के संग
नयी कला के प्रतिमान बन गए, मिल जुल कर एक दुसरे अपने विरोधी के संग
No comments:
Post a Comment