Tuesday, December 8, 2009

उस क्षण जब झर रहे थे पीले पीले पत्ते, बिछोह की सुन्दरता को गाते हुए
क्या सिखा रहे थे हमें कुछ, अपना उदाहरण अनायास इस तरह बताते हुए
रास्ता जाने जाने, पहचान देती है उसे, उपस्थिति वृक्षों की, पत्तों की, हरियाली की
मौसम के साथ जो सम्बन्ध है रास्ते का, उससे जुड़ी है आत्मा होली और दीवाली की

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