Sunday, November 22, 2009

बरसात में भीगती कार, छम छम बूंदों की झंकार,
दूर कहीं बजता सुन्दरता का मद्धम सितार
सड़क के उस छोर पर सूरज का घर है,
इससे पहले कि वो घर बदल ले अपना,
चलें अपना घर छोड़ कर उसकी तरफ़

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