Monday, November 16, 2009

आसानी से कर लेते हैं पार पुल को, नहीं जानते किस नदी पर से होकर गुजर गए हैं हम
ना नदी से परिचय, न पुल का आभार, क्यूं दूर दूर तक जाकर भी, अपने में बंदी से हैं हम
अशोक व्यास

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